ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा: एक दूरदर्शी मीडिया प्रोफेशनल और समाज सुधारक जिनका प्रभाव पूरे भारत में दिख रहा है |

Gyanendra vishwakarma

ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा: एक दूरदर्शी मीडिया प्रोफेशनल और समाज सुधारक जिनका प्रभाव पूरे भारत में दिख रहा है |

Gyanendra vishwakarma

अहमदाबाद, 8 अगस्त 2025 — जब भारत का मीडिया और सामाजिक क्षेत्र अपने-अपने संघर्षों से जूझ रहा है, ऐसे समय में श्री ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा ने यह दिखाया है कि दोनों क्षेत्रों को एक साथ जोड़कर समाज में सार्थक परिवर्तन लाया जा सकता है। एक सम्मानित पत्रकार, मीडिया प्रोफेशनल और समर्पित समाज सुधारक के रूप में श्री विश्वकर्मा ने ऑल मीडिया काउंसिल (AMC) की स्थापना 5 मार्च 2015 को अहमदाबाद में की थी। पिछले एक दशक में उन्होंने मीडिया अधिकारों की रक्षा और जमीनी स्तर पर सामाजिक सेवा को जोड़ते हुए देशभर में एक अलग पहचान बनाई है।

ऑल मीडिया काउंसिल के माध्यम से श्री विश्वकर्मा ने पत्रकारों के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया है। उन्होंने पत्रकारों के लिए कल्याण बोर्ड की स्थापना, उचित वेतन, स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा, और कानूनी सुरक्षा की मांग को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाया है। उनकी ये पहलें पत्रकारों की अनदेखी समस्याओं को सामने लाने में निर्णायक रही हैं।

लेकिन जो बात श्री विश्वकर्मा को सबसे अलग बनाती है, वह है उनका दोहरा प्रभाव मॉडल—जहां वे मीडिया के अधिकारों की वकालत करने के साथ-साथ समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए भी काम करते हैं। उनके प्रमुख सामाजिक प्रयासों में शामिल हैं:

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना।
  • गरीब, विधवा और तलाकशुदा व्यक्तियों के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन।
  • शहीद परिवारों को सम्मानित करना—उनके लोकप्रिय कार्यक्रम “एक शाम शहीदों के नाम” के माध्यम से, जो राष्ट्रीय गर्व और एकता को बढ़ावा देता है।

इसके साथ ही, पिछले लगातार दस वर्षों से आयोजित हो रहे ऑल मीडिया काउंसिल अवॉर्ड्स पत्रकारिता और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को सम्मानित करते हैं। यह आयोजन अब पूरे भारत में एक प्रतिष्ठित पहचान बन चुका है।

काउंसिल का कार्यक्षेत्र देश के अनेक राज्यों तक फैल चुका है। श्री विश्वकर्मा के नेतृत्व में काउंसिल अब एक कैंसर अस्पताल की स्थापना की दिशा में भी कार्य कर रही है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा देना है।

श्री विश्वकर्मा का कार्य निःस्वार्थ, ईमानदारीपूर्ण और जनसेवा की भावना से प्रेरित है। उनका कोई राजनीतिक या व्यावसायिक हित नहीं है। उनके कार्यों ने हजारों पत्रकारों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया है कि वे भी समाज सेवा और जिम्मेदार नागरिकता की दिशा में कार्य करें।

आज के समय में जब मीडिया को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और सामाजिक असमानताएं बढ़ रही हैं, ऐसे में श्री ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा का योगदान नैतिक नेतृत्व, समावेशी विकास और जनहित में सेवा का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनका कार्य मॉडल न केवल अनुकरणीय है, बल्कि समय की मांग भी है।

इन्हीं अद्वितीय योगदानों के चलते, श्री विश्वकर्मा को पद्मश्री अवार्ड 2026 (भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान) के लिए एक अत्यंत योग्य उम्मीदवार माना जा रहा है। पत्रकारिता से लेकर समाज के सबसे निचले पायदान तक उनकी सेवा की यह यात्रा, उस आदर्श को दर्शाती है जिसे यह पुरस्कार सम्मानित करता है।

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