नई दिल्ली/टीम डिजिटल
बृहस्पतिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल चालक गति पकड़ रहे हैं और देश इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) के मोर्चे पर लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। एफआईबीएसी 2024 के उद्घाटन भाषण में गवर्नर ने कहा कि देश के विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों और बाजार में व्यापक बदलाव हो रहे हैं और देश इन बदलावों को सहन करने को तैयार है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर दास ने कहा, ‘‘उन्नत अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में हमारे देश की यात्रा को कई कारकों के अनूठे मिश्रण से बल मिल रहा है।’’ इन कारक में उद्यमशीलता और नवाचार की समृद्ध परंपरा, युवा और ऊर्जस्वी आबादी, जुझारू और विविध अर्थव्यवस्था और मजबूत लोकतंत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों का बहीखाता मजबूत है और भारत की वृद्धि गाथा अक्षुण्ण है। दास ने निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश की मांग की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मूल वृद्धि के घटक वास्तव में गति पकड़ रहे हैं और धीमे नहीं पड़ रहे हैं। “इससे हमें यह कहने का साहस मिलता है कि भारतीय वृद्धि की गाथा बरकरार है,” दास ने कहा।
गवर्नर ने अपने भाषण में कहा कि “इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड” (आईबीसी) और जीएसटी (GST) जैसे सुधारों से दीर्घकालिक लाभ हुआ है। उन्होंने श्रम, कृषि बाजार और जमीन में और अधिक सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया।
सरकार ने कहा कि वृद्धि और मुद्रास्फीति में सही संतुलन है। उनका कहना था कि बेहतर मानसून और खरीफ की अच्छी बुवाई से खाद्य मुद्रास्फीति की स्थिति सुधर सकती है। दास ने कहा कि समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय क्षेत्र को डिजिटल मंच तक पहुंच बढ़ानी चाहिए और उनका उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने जोखिम निर्धारण मानकों को कमजोर किए बिना महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यम (एमएसएमई) के अनुरूप उत्पादों और सेवाओं को प्रदान करने की भी वकालत की। दास ने कहा कि विवेकपूर्ण ऋण सुनिश्चित करने के लिए केवल विनियमित संस्थाओं को ‘यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस’ (ULI) मंच पर अनुमति दी जाएगी। दास ने कहा, ‘‘यूएलआई कुछ चुनिंदा कंपनियों का “क्लब” नहीं होगा।’