नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत सौंपा। मानसून सत्र के पहले ही दिन आए इस अप्रत्याशित फैसले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
धनखड़ ने कहा कि उन्हें अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा और डॉक्टरों की सलाह का पालन करना जरूरी है। अपने विदाई संदेश में उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी दलों के सांसदों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा “संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता” के साथ काम किया।
हालांकि, उनके इस्तीफे के समय को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में धनखड़ ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा पर विपक्ष का नोटिस स्वीकार किया था, जिससे सरकार के कुछ हलकों में नाराजगी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह इस्तीफा “सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से ज्यादा” कुछ और दर्शाता है। इससे आंतरिक मतभेदों की अटकलें और तेज हो गई हैं।
नए उपराष्ट्रपति के कार्यभार संभालने तक राज्यसभा की अध्यक्षता उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह करेंगे। चुनाव आयोग जल्द ही अगले उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित करेगा। खास बात यह है कि नए उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा पांच साल का होगा।
यह भारत के इतिहास में तीसरी बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने कार्यकाल के बीच इस्तीफा दिया है। इससे पहले 1969 में वी.वी. गिरि और 1987 में आर. वेंकटरमण ने ऐसा किया था।
इसी बीच, भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को आगामी चुनाव में बढ़त मिलने की संभावना जताई जा रही है। संभावित उम्मीदवारों में वरिष्ठ मंत्री, राज्यपाल और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का नाम भी चर्चा में है।
धनखड़ के अचानक इस्तीफे से दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण बनने लगे हैं। आने वाले हफ्तों में चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करेगा, दल अपने उम्मीदवार घोषित करेंगे और देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद की दौड़ शुरू हो जाएगी।