Communist Party of India (CPI) के 25वें महाधिवेशन एवं उत्तराखंड राज्य के 11वें सम्मेलन के सफल समापन के उपरांत आज राज्य पार्टी मुख्यालय, हाथी बड़कला, देहरादून में राज्य परिषद एवं राज्य कार्यकारिणी की पहली बैठक आयोजित की गई। बैठक का आरंभ नवनिर्वाचित सदस्यों के स्वागत के साथ हुआ, जिसके बाद राष्ट्रीय अधिवेशन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। बैठक में संगठन के अब तक के कार्यों की समीक्षा की गई और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
राज्य सचिव Jagdish Kuliyal ने अपने संबोधन में कहा कि CPI उत्तराखंड में जनहित के मुद्दों को लेकर लगातार संघर्षरत है। पार्टी का मकसद केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि श्रमिकों, किसानों, कर्मचारियों, युवाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए जनआंदोलन को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य में तेजी से बढ़ते पलायन, बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की बदहाल स्थिति तथा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को रोकना पार्टी की प्राथमिकता है। CPI का उद्देश्य स्थानीय जनता को उनके संसाधनों पर अधिकार दिलाना और राज्य के समग्र विकास के लिए एक वैकल्पिक राजनीतिक दिशा प्रदान करना है।

बैठक में जिला प्रभारियों और जनसंगठनों के प्रभारियों का चयन किया गया तथा आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक तैयारी और राजनीतिक रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। पार्टी ने तय किया कि आने वाले समय में गांव-गांव और शहर-शहर में CPI अपने जनसंपर्क और आंदोलन को तेज करेगी, ताकि जनता के बीच एक मज़बूत वैकल्पिक आवाज़ बन सके।
राज्य सचिवालय के वरिष्ठ साथियों ने बैठक का संचालन किया और संगठन के सभी सदस्यों से अपील की कि वे राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर संघर्ष को और तेज़ करें। पार्टी ने यह भी दोहराया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों पर जनता की आवाज़ को मजबूती से उठाया जाएगा।
बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि CPI उत्तराखंड में जनआंदोलनों को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी तथा जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।







