ऋषिकेश : संयुक्त किसान मोर्चा के तहत अखिल भारतीय किसान सभा, (उत्तराखण्ड) पूरे प्रदेश में 09 अगस्त 2024 को ‘कॉरपोरेट भारत छोड़ो दिवस’ के रूप में मनायेगा, साथ ही मांग करेगा कि भारत विश्व व्यापार संगठन से बाहर आ जाए और कृषि उत्पादन और व्यापार में कोई बहुराष्ट्रीय कम्पनी न आयें। पूरे भारत देश में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहा है, उसमें उत्तराखण्ड भी शामिल है और किसानों के बीच जाकर कुछ मांगे लोकप्रिय बनायी जा रही हैं। प्रान्तीय सचिव जगदीश कुलियाल ने कहा की “कॉर्पोरेट और सरकार की मिलीभगत से किसानों पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है। ‘कॉरपोरेट भारत छोड़ो दिवस’ का उदेश्य कॉर्पोरेट द्वार की जा रही मनमानी का विरोध करना है और लंबे समय से किसानों की मांगों को अनसुना करने पर आवाज़ उठाना है”. भारत और उत्तराखण्ड का किसान निम्न मांगों पर आन्दोलनरत है:-
- सभी फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) (सी2+50 प्रतिशत) पर कानूनी रूप से गारण्टी सहित खरीद ।
- किसानों और खेत मजदूरों को ऋणग्रस्तता से मुक्त करने तथा कृषि आत्महत्याओं को समाप्त करने के लिये व्यापक ऋण माफी।
- बिजली क्षेत्र का निजीकरण बन्द करो। प्रीपेड स्मार्ट मीटर आम जनता के साथ धोखा है।
- सभी किसानों और खेत मजदूरों को 10 हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन।
- कृषि का निगमीकरण न किया जाए। कृषि उत्पादन और व्यापार में कोई बहुराष्ट्रीय कम्पनी न आएँ, भारत को कृषि पर विश्व व्यापार संगठन के समझौते से बाहर लाया जाए।
- उर्वरक बीज, कीटनाशक, बिजली, सिंचाई, पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी और ट्रैक्टर जैसे कृषि इनपुट पर कोई जी०एस०टी० नहीं होनी चाहिए।
- सकल घरेलू उत्पाद के पर्याप्त हिस्से के साथ कृषि के लिये अलग से केन्द्रीय बजट बनाया
- वन्य जीव-जन्तुओं के खतरे का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए। जानमाल की हानि पर एक करोड़ रूपये का मुआवजा तथा फसलों एवं मवेशियों की हानि पर बाजारी दर से पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। उत्तराखण्ड में जैविक खेती और किसानी को जंगली जानवरों से बचाने के कारगर उपाय किया जाना नितान्त जरूरी है।
- जैविक उत्पादों की बिक्री के लिये उत्तराखण्ड की मण्डियों में किसानों के हित में विशेष प्रबन्धन किया जाए।
- लखीमपुरखीरी के शहीदों सहित ऐतिहासिक किसान संघर्ष के सभी शहीदों के परिवारों को मुआवजा प्रदान किया जाए।
- किसान संघर्ष से जुड़े सभी मामले वापस लिये जायें तथा 736 किसान शहीदों की याद में सिन्धु और टिकरी बॉर्डर पर उपयुक्त शहीद स्मारक बनाया जाए।